करोड़ के जमीन घोटाले

द्रप्रस्थ सोसाइटी की 52 एकड़ जमीन से जुड़े 300 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच एसएसपी ने दौराला थाना पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच को दे दी है। दौराला सीओ ने माना है कि मुकदमे में कई अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं, इसलिए गहनता से जांच जरूरी है। उधर, पीड़ित पक्ष ने इस घोटाले में शामिल रसूखदारों के दबाव में विवेचना बदलने का आरोप लगाते हुए एडीजी से निष्पक्ष जांच की मांग की है।


चार जनवरी को दौराला थाने के इंस्पेक्टर इंद्रपाल सिंह ने लखनऊ के गोमतीनगर से पूर्व सहायक आवास आयुक्त वीके चौधरी को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2004 में मेरठ में रुड़की रोड पर इन्द्रप्रस्थ सहकारी आवास समिति के कूटरचित दस्तावेज बनाकर भूमाफिया से साठगांठ कर 300 करोड़ रुपये की जमीन बेच दी। पल्लवपुरम थाने में वर्ष 2015 में बिजेन्द्र सिंह चौहान ने एफआईआर दर्ज कराई थी। वर्तमान में आरोपी वीके चौधरी मेरठ जेल में बंद है।


पिछले दिनों दौराला सीओ अखिलेश भदौरिया ने एसएसपी को पत्र लिखकर इस केस की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर करने की संस्तुति की थी। अपनी रिपोर्ट में सीओ ने माना कि दौराला थाने के विवेचक ने तीन जनवरी को कोर्ट से वारंट बनवाकर अधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना ही सीधे लखनऊ पहुंचकर वीके चौधरी की गिरफ्तारी कर ली।


सीओ की रिपोर्ट पर डीआईजी/एसएसपी अखिलेश कुमार ने प्रकरण की जांच क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर जयंत सिंह को सौंप दी है।